गुरुवार, 29 अप्रैल 2010
कैसे कह दे कि गुनेहगार हम नही
माना तेरी नजर में तेरा प्यार हम नही
पर कैसे कह दे कि तेरे तलबगार हम नही
*
खुद को जला के ख़ाक कर डाला , मिटा डाला
लो अब तुम्हारी राह में दीवार हम नही
*
जिसको संवारा था हमने तमन्नाओ के खून से
उस गुलशन में बहारो के हक़दार हम नही
*
धोखा दिया हैं खुद को महोब्बत के नाम से
कैसे कह दे कि गुनेहगार हम नही
*
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गुनाह कर ही बैठे राणा साहब!
जवाब देंहटाएंकुंवर जी,
वाह,बहुत खूब
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