बुधवार, 5 मई 2010

एक बहुत ही मुश्किल फोटो ..............?

क्या कोई बता सकता हैं की आखिर ये फोटो कैसे लिया होगा.
या फिर ये एक कैमरा ट्रिक हैं.


कैसे लिया होगा ये फोटो
जरा आप भी देखो इसे.

बहुत बड़ा फोटो 

गुरुवार, 29 अप्रैल 2010

कैसे कह दे कि गुनेहगार हम नही




       








         माना तेरी नजर में तेरा प्यार हम नही 
          पर कैसे कह दे कि तेरे तलबगार हम नही
                          *
          खुद को जला के ख़ाक कर डाला , मिटा डाला 
           लो अब तुम्हारी राह में दीवार हम नही 
                               *
           जिसको संवारा था हमने तमन्नाओ  के खून से
            उस गुलशन में बहारो के हक़दार हम नही 
                               *
            धोखा दिया हैं खुद को महोब्बत के नाम से 
            कैसे कह दे कि गुनेहगार हम नही 
                               *

रविवार, 25 अप्रैल 2010

देखा है कभी ऐसा भी, इसको वरदान कहेंगे या अभिशाप



इसको क्या कहोगे भगवान् ने इसको इतने बड़े सींग (horn ) दिए हैं कि ये बेचारा अपना काम करे या इन्हें खींचे.  
एक बात तो तय हैं कि इससे पंगा लेने कि हिम्मत तो कोई बिरला ही करेगा .
मुझे ये नेट पे मिला तो मैंने सोचा कि आप लोगो से भी शेयर करलू.
वैसे हैं ना ये कुदरत का एक नायब नमूना 
तो आप भी देखिये इसको.






बुधवार, 21 अप्रैल 2010

तोरा मन दर्पण कहलाये

आज कई दिनों के बाद ब्लॉग पे आने का समय लगा हैं
तो आज मेरे संग्रह में हैं एक बहुत प्यारा सा गीत या कह लीजिये कि एक बहुत प्यारा सा भजन जो कि मुझे भी बहुत अच्छा लगता हैं


फिल्म: काजल         गायक:- आशा              गीतकार:- शाहिर                         संगीत: - रवि   


प्राणी अपने प्रभु से पूछे किस विधि पाऊ तोहे 
प्रभु कहे तू मन को पाले , पा जायेगा मोहे 


तोरा मन दर्पण कहलाये - २ 
भले बुरे सारे कर्मो को, देखे और दिखाये
तोरा मन दर्पण कहलाये --------


मन ही देवता, मन ही ईश्वर, मन से बड़ा ना कोये
मन उजियारा जब जब फैले, जग उजियारा होये
इस उजले दर्पण पे प्राणी,  धूल ना जमने पाये
तोरा मन दर्पण कहलाये ----------------


सुख कि कलियाँ, दुःख के काँटे, मन सबका आधार 
मन से कोई बात छुपे ना, मन के नैन हजार 
जग से चाहे भाग ले कोई, मन से भाग ना पाये 
तोरा मन दर्पण कहलाये---------------


तन कि दौलत, ढलती  छाया, मन का धन अनमोल
तन के कारण मन के धन को मत माटी में रौंद 
मन कि कदर भुलानेवाले वीराँ जनम गवाये
तोरा मन दर्पण कहलाये ---------




इस भजन का विडियो देखने के लिये नीचे दिए लिंक पर क्लिक करे 
http://www.youtube.com/watch?v=OIy20teCZpQ