गुरुवार, 29 अप्रैल 2010
कैसे कह दे कि गुनेहगार हम नही
माना तेरी नजर में तेरा प्यार हम नही
पर कैसे कह दे कि तेरे तलबगार हम नही
*
खुद को जला के ख़ाक कर डाला , मिटा डाला
लो अब तुम्हारी राह में दीवार हम नही
*
जिसको संवारा था हमने तमन्नाओ के खून से
उस गुलशन में बहारो के हक़दार हम नही
*
धोखा दिया हैं खुद को महोब्बत के नाम से
कैसे कह दे कि गुनेहगार हम नही
*
रविवार, 25 अप्रैल 2010
देखा है कभी ऐसा भी, इसको वरदान कहेंगे या अभिशाप
इसको क्या कहोगे भगवान् ने इसको इतने बड़े सींग (horn ) दिए हैं कि ये बेचारा अपना काम करे या इन्हें खींचे.
एक बात तो तय हैं कि इससे पंगा लेने कि हिम्मत तो कोई बिरला ही करेगा .
मुझे ये नेट पे मिला तो मैंने सोचा कि आप लोगो से भी शेयर करलू.
वैसे हैं ना ये कुदरत का एक नायब नमूना
बुधवार, 21 अप्रैल 2010
तोरा मन दर्पण कहलाये
आज कई दिनों के बाद ब्लॉग पे आने का समय लगा हैं
तो आज मेरे संग्रह में हैं एक बहुत प्यारा सा गीत या कह लीजिये कि एक बहुत प्यारा सा भजन जो कि मुझे भी बहुत अच्छा लगता हैं
फिल्म: काजल गायक:- आशा गीतकार:- शाहिर संगीत: - रवि
प्राणी अपने प्रभु से पूछे किस विधि पाऊ तोहे
प्रभु कहे तू मन को पाले , पा जायेगा मोहे
तोरा मन दर्पण कहलाये - २
भले बुरे सारे कर्मो को, देखे और दिखाये
तोरा मन दर्पण कहलाये --------
मन ही देवता, मन ही ईश्वर, मन से बड़ा ना कोये
मन उजियारा जब जब फैले, जग उजियारा होये
इस उजले दर्पण पे प्राणी, धूल ना जमने पाये
तोरा मन दर्पण कहलाये ----------------
सुख कि कलियाँ, दुःख के काँटे, मन सबका आधार
मन से कोई बात छुपे ना, मन के नैन हजार
जग से चाहे भाग ले कोई, मन से भाग ना पाये
तोरा मन दर्पण कहलाये---------------
तन कि दौलत, ढलती छाया, मन का धन अनमोल
तन के कारण मन के धन को मत माटी में रौंद
मन कि कदर भुलानेवाले वीराँ जनम गवाये
तोरा मन दर्पण कहलाये ---------
इस भजन का विडियो देखने के लिये नीचे दिए लिंक पर क्लिक करे
http://www.youtube.com/watch?v=OIy20teCZpQ
तो आज मेरे संग्रह में हैं एक बहुत प्यारा सा गीत या कह लीजिये कि एक बहुत प्यारा सा भजन जो कि मुझे भी बहुत अच्छा लगता हैं
फिल्म: काजल गायक:- आशा गीतकार:- शाहिर संगीत: - रवि
प्राणी अपने प्रभु से पूछे किस विधि पाऊ तोहे
प्रभु कहे तू मन को पाले , पा जायेगा मोहे
तोरा मन दर्पण कहलाये - २
भले बुरे सारे कर्मो को, देखे और दिखाये
तोरा मन दर्पण कहलाये --------
मन ही देवता, मन ही ईश्वर, मन से बड़ा ना कोये
मन उजियारा जब जब फैले, जग उजियारा होये
इस उजले दर्पण पे प्राणी, धूल ना जमने पाये
तोरा मन दर्पण कहलाये ----------------
सुख कि कलियाँ, दुःख के काँटे, मन सबका आधार
मन से कोई बात छुपे ना, मन के नैन हजार
जग से चाहे भाग ले कोई, मन से भाग ना पाये
तोरा मन दर्पण कहलाये---------------
तन कि दौलत, ढलती छाया, मन का धन अनमोल
तन के कारण मन के धन को मत माटी में रौंद
मन कि कदर भुलानेवाले वीराँ जनम गवाये
तोरा मन दर्पण कहलाये ---------
इस भजन का विडियो देखने के लिये नीचे दिए लिंक पर क्लिक करे
http://www.youtube.com/watch?v=OIy20teCZpQ
बुधवार, 14 अप्रैल 2010
कैसे भुलादु तुझे
मोहब्बत का इरादा अब बदल जाना भी मुश्किल है,
तुझे खोना भी मुश्किल है, तुझे पाना भी मुश्किल है.
जरा सी बात पर आंखें भिगो के बैठ जाते हो,
तुझे अब अपने दिल का हाल बताना भी मुश्किल है,
उदासी तेरे चहरे पे गवारा भी नहीं लेकिन,
तेरी खातिर सितारेतोड़ कर लाना भी मुश्किल है,
यहाँ लोगों ने खुद पे परदे इतने डाल रखे हैं,
किस के दिल में क्या है नज़र आना भी मुश्किल है,
तुझे ज़िन्दगी भर याद रखने की कसम तो नहीं ली,
पर एक पल के लिए तुझे भुलाना भी मुश्किल है
मंगलवार, 6 अप्रैल 2010
दो बीघा जमीन
फिल्म :- दो बीघा जमीन गायक :- रफ़ी गीतकार :- शैलेंदर संगीत:-शलिल चौधरी
अजब तोरी दुनिया हैं मोरे रामा - 2
कदम कदम देखि भूल भूलैया
गजब तोरी दुनिया हैं मोरे रामा - 2
कोई कहे जग झूठा सपना पानी कि बुल्बुलिया -2
हर किताब में अलग अलग हैं इस दुनिया का हुलिया
सच मानो या झूठी मानो
बेढब तोरी दुनिया ओ राम -2
परबत काटे सागर पाटे महल बनाये हमने
पत्थर पे बगिया लहराई फूल खिलाये हमने
होके हमारी हुई ना हमारी
अलग हैं तोरी दुनिया हो रामा - 2
दया धरम सब कुछ बिकता हैं लोग लगाये बोली
मुश्किल हैं हम जैसो कि खाली हैं जिनकी झोली
जब तेरे बन्दों कि जान बिके ना
हैं तब तोरी दुनिया हो रामा - 2
इस गीत का विडियो देखने के लिये नीचे दिए लिंक पर क्लिक करे
http://www.youtube.com/watch?v=QAzsjHuKzNQ
अजब तोरी दुनिया हैं मोरे रामा - 2
कदम कदम देखि भूल भूलैया
गजब तोरी दुनिया हैं मोरे रामा - 2
कोई कहे जग झूठा सपना पानी कि बुल्बुलिया -2
हर किताब में अलग अलग हैं इस दुनिया का हुलिया
सच मानो या झूठी मानो
बेढब तोरी दुनिया ओ राम -2
परबत काटे सागर पाटे महल बनाये हमने
पत्थर पे बगिया लहराई फूल खिलाये हमने
होके हमारी हुई ना हमारी
अलग हैं तोरी दुनिया हो रामा - 2
दया धरम सब कुछ बिकता हैं लोग लगाये बोली
मुश्किल हैं हम जैसो कि खाली हैं जिनकी झोली
जब तेरे बन्दों कि जान बिके ना
हैं तब तोरी दुनिया हो रामा - 2
अजब तोरी दुनिया हैं मोरे रामा - 2
कदम कदम देखि भूल भूलैया
गजब तोरी दुनिया हैं मोरे रामा - 2
इस गीत का विडियो देखने के लिये नीचे दिए लिंक पर क्लिक करे
http://www.youtube.com/watch?v=QAzsjHuKzNQ
गुरुवार, 1 अप्रैल 2010
मेघो से घिर गया गगन
मेघो से घिर गया गगन
रुक गई हैं आज पवन
बिजली चमकी,बादल गरजे
झूम उठा हैं सबका मन
नाचे पंख पसारे मोर
मेंढक टर- टर करते शोर
तरु कि शाखा लगी झूमने
धूम मची हैं चारो और
पानी लगा बरसने झर- झर
कितना सुंदर दृशय मनोहर
हरी भरी हो गई हैं धरा
आओ देखें जी भरकर
]
कितना सुंदर दृशय मनोहर
हरी भरी हो गई हैं धरा
आओ देखें जी भरकर
]
कुछ तो लोग कहेंगे, लोगो का काम हैं कहना
मेरे संग्रह में काफी गीत, कविताएं, कहानिया हैं जिन्हें मै समय समय पर आपको भेंट करता रहूँगा.
आज का गीत हिंदी फिल्म "अमर प्रेम " से हैं . यह एक अच्छा गीत हैं.
(कुछ तो लोग कहेंगे, लोगो का काम हैं कहना
छोडो बेकार कि बातों में कही बीत ना जाये रैना ) - 2
कुछ रीत जगत कि ऐसी हैं, हर एक सुबह कि शाम हुई -2
तू कौन हैं, तेरा नाम हैं क्या, सीता भी यहाँ बदनाम हुई
फिर क्यों संसार कि बातों से, भीग गये तेरे नैना
आज का गीत हिंदी फिल्म "अमर प्रेम " से हैं . यह एक अच्छा गीत हैं.
(कुछ तो लोग कहेंगे, लोगो का काम हैं कहना
छोडो बेकार कि बातों में कही बीत ना जाये रैना ) - 2
कुछ रीत जगत कि ऐसी हैं, हर एक सुबह कि शाम हुई -2
तू कौन हैं, तेरा नाम हैं क्या, सीता भी यहाँ बदनाम हुई
फिर क्यों संसार कि बातों से, भीग गये तेरे नैना
कुछ तो लोग कहेंगे, लोगो का काम हैं कहना
छोडो बेकार कि बातों में कही बीत ना जाये रैना
कुछ तो लोग......................
हमको जो ताने देते हैं, हम खोये हैं इन रंगरलियो में
हमने उनको भी छुप छुपके, आते देखा इन गलियों में
ये सच हैं झूठी बात नही, तुम बोलो ये सच हैं ना
कुछ तो लोग कहेंगे, लोगो का काम हैं कहना
छोडो बेकार कि बातों में कही बीत ना जाये रैना
कुछ तो लोग................................
http://www.youtube.com/watch?v=95UdAo4JdJI
इस गीत का विडियो देखने के लिये नीचे दिए लिंक पर क्लिक करे
http://www.youtube.com/watch?v=95UdAo4JdJI
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