मेघो से घिर गया गगन
रुक गई हैं आज पवन
बिजली चमकी,बादल गरजे
झूम उठा हैं सबका मन
नाचे पंख पसारे मोर
मेंढक टर- टर करते शोर
तरु कि शाखा लगी झूमने
धूम मची हैं चारो और
पानी लगा बरसने झर- झर
कितना सुंदर दृशय मनोहर
हरी भरी हो गई हैं धरा
आओ देखें जी भरकर
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कितना सुंदर दृशय मनोहर
हरी भरी हो गई हैं धरा
आओ देखें जी भरकर
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बहुत सुन्दर रचना ,काश ऐसा जल्दी हो
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